देश की पहली दृष्टिबाधित महिला आईएएस बनी प्रांजल पाटिल पाटिल
देश की पहली दृष्टिबाधित महिला आईएएस बनी प्रांजल पाटिल पाटिल
देश की पहली दृष्टिबाधित महिला आईएएस बनी प्रांजल पाटिल पाटिल ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम में उपजिलाधिकारी यानी सब कलेक्टर का पद संभाला प्रांजल पाटिल 2016 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं यह देश की पहली दृष्टिबाधित महिला आईएएस ऑफिसर हैं वह कहते हैं ना -विश्वास में वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है और अविश्वास भगवान के बनाए इन्सान को पत्थरदिल बना सकता है
उल्हासनगर में हुआ अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं जिन्होंने उन्हें हमेशा उत्साहित और प्रेरित किया उनकी आंखों को उन्होंने कभी भी कमजोरी नहीं बनने दिया जब प्रांजल पाटिल मात्र 6 साल की थी तब खेल-खेल में एक दोस्त ने उनकी आंख में पेंसिल मार दी थी जिससे उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी लेकिन उन्होंने इस अंधेरे को अपनी जिंदगी का अंधेरा नहीं बनने दिया उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से परास्नातक किया तथा उन्होंने पीएचडी और एमफिल भी किया उनकी आंखें ना होने के बावजूद भी उन्होंने समाज में कुछ करने की सूची और जिसे उन्होंने साकार कर दिखाया और जुट गई सिविल सेवा की तैयारी में 2016 में उनकी ऑल इंडिया में 773 रैंक आई और उन्होंने सोमवार 14 अक्टूबर को तिरुअनंतपुरम में सब कलेक्टर का पद संभाला तो दोस्तों आप कमेंट करके बताइए इनकी कहानी ने आपको कितना प्रेरित किया दोस्तों आपने बोल डायलॉग तो सुना ही होगा यदि किसी चीज को दिल जान से चाहो तो पूरी कायनात लग जाती है उसे मिलाने में ,, सभी के साथ यह जानकारी शेयर कीजिए और बने रहिए मेरे साथ ज्ञानी गुरु पीके पर आपका अपना पंकज यादव
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